मंगळवार, २१ जून, २०११

तेरे इश्क़ में सनम, हम इतने दीवाने हुए,
हर लब्ज की गझल बनी, हर धून के गाने हुए|

तेरी हर अदा के सनम, हम इतने कायल हुए,
तूने सिर्फ़ आह भरी और हम पूरे घायल हुए|

तेरी चाह में न जाने कितने ही बर्बाद हुए,
और हम हैं बस तेरे दीदारसे ही आबाद हुए|

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